स्टॉक मार्केट में CE और PE क्या होता है ।।
आप अगर स्टॉक मार्केट के बारे में जानते हैं और आप trading करना चाहते हैं , तो आपने कभी किसी यूट्यूबर की वीडियोस में सुना होगा या किसी reel में ce और pe के बारे में ज़रूर सुना होगा , तो आइये में दोनों को डिटेल में बताता हूँ , और आपके कॉन्फ़्यूशन को दूर करता हूँ ,
एक बात का ध्यान ज़रूर रखें की स्टॉक मार्केट ऐसा समुद्र है जिसमे आप एक बार उतर गए तो वापस कभी नहीं आ सकते इससे बाहर वो बोला गया है न , once a trader always trader ,
स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने से पहले आपको इसकी पूरी जानकारी होनी अतिआवश्यक है , बिना सीखे अगर आप इसमें आ गए तो आपको बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है ,
आपको किसी भी पेड कोर्स लेने की जरूरत नहीं है आप मेरे इस वेबसाइट को सर्च करके हर एक चीज़ सीख सकते हैं , हमारा लाइव सेशन भी होता है , लेकिन सबसे पहले आप ट्रेड karne se पहले सीखे तभी आप लोंग टाइम तक रह सकते हैं मार्केट में ,
What is ce and pe in stock market in hindi
What is ce and pe in stock market in hindi
जब भी ऑप्शन ट्रेडिंग या stocks ट्रेडिंग की बात हमारे सामने आती है तो ये दो शब्द (Ce और PE) ऐसे है जो हमेशा मेरे सामने आते रहते है। तो चलिए में आपको आसान शब्दों में समझाने की कोशिश करता हूँ,
सामान्य भाषा मे CE को कॉल ऑप्शन और PE को पुट ऑप्शन कहते है ।
और अगर बाजार की भाषा मे बोलूं तो जब हम किसी इक्विटी स्टॉक में खरीदारी दिख रही हो तो हम ऑप्शन बाजार में उसकी कॉल खरीदेंगे ।
इसके विपरीत यदि बाजार में गिरावट दिख रही हो तो बिकवाली बनती है और ऐसे समय मे हम किसी स्टॉक विशेष का पुट खरीदते है ।
दोनों बस एक सिंबल है जो बढ़ते बाजार और घटते बाजार के अनुसार विकल्प बाजार में निवेश को प्रसस्थ करता है ।
What is ce and pe in stock market in hindi
और बेसिक में समझता हू , अगर आपको लग लग रहा है की मार्केट ऊपर जाने वाला है तो आप ce खरीदेंगे जिसे हम कॉल ऑप्शन कहते हैं वैसे ही
अगर मार्केट नीचे जाने लगे मतलब की गिरने लगे तो pe ख़रीदेंगे लेकिन ये हम buying की बाद कर रहे हैं ,
जब आप selling करेंगे तो इसका उल्टा हो जाएगा जैसे की आपको लगता है की मार्केट नीचे यानी की मार्केट गिरेगा तो आपको CE सेल करनी हैं , और वैसे ही
आपको जब लगेगा की मार्केट ऊपर जाने वाली है, तब आप PE सेल करनी हैं , buying का जस्ट उल्टा होता है सेलिंग में , लेकिन ध्यान रखें की कोई भी ट्रेड आपको जल्दी में नहीं करनी हैं ,
ऑप्शन ट्रेडिंग के तौर पर PE का मतलब PUT होता है. यह एक Short symbol है. PE Europian लैंग्वेज से लिया गया शब्द है.
अगर इन्वेस्टिंग की भाषा में देखें वहां पर PE का मतलब बदल जाता है और इन्वेस्टिंग में इसका मतलब Price to Earning Ratio होता है.
लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में जो लोग ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं उनके लिए PE और CE को जान लेना जरूरी होता है क्योंकि इन पर भी Strike Price निकाल करके आती है
कोई भी ट्रेड अगर PE तब BUY करता है जब उसको लगता है कि फ्यूचर में मार्केट का प्राइस गिरेगा.
इसलिए जब PE ट्रेड खरीद लेता है तो उसको Rite राइट मिल जाता है या एक अधिकार मिलता है कि वह इस प्राइस को भविष्य में जब तक इसका कांट्रेक्ट है कभी भी Sell कर सकता है.
आप सभी को यह पता होना चाहिए कि ऑप्शन ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट नोट के तहत करी जाती है.
इसीलिए आप सभी को यह ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि जो एक्सपायरी होती है उससे पहले ही अपने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर ले या वहां से एग्जिट कर ले आसान भाषा में बोले नहीं तो जैसे ही एक्सपायरी आएगी आपका खरीदा हुआ कॉन्ट्रैक्ट धीरे-धीरे उसकी वैल्यू खत्म होने शुरू हो जाएगी और वह अंत में जीरो हो जाएगा
इसलिए जब भी आपको मुनाफा आए आप ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा बना करके निकाल ले
CE= Call Europe
PE= Put Europe
सामान्य भाषा में Ce aur PE Stock या इंडेक्स के लिए इंश्योरेंस की तरह काम करते है। आप बहुत km पैसा दे कर किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का इंडेक्स buy kar सकते है।।जिसके नीचे या उपर जितना स्टॉक गया आपको उतना मुनाफा होता है।
CE uper जाने की संभावना हो तब buy kiya jaat है
और इसके विपरीत Pe तब buy kiya जाता है जब स्टॉक या इंडेक्स में गिरावट का अंदेशा हो।